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स्वामीनाथन रिपोर्ट क्या है ? सभी नहीं जानते

स्वामीनाथन रिपोर्ट क्या है ? सभी नहीं जानते ये बात

देश के किसानों की हालत खराब होते देख उनमे सुधार करने हेतु 18 नवम्बर 2004 में NATIONAL COMMISSION ON FARMERS की स्थापना की गई , जिसके अध्यक्ष MS SWAMINATHAN बने।

2004 से 2006 तक मात्र दो साल में इस आयोग ने अपनी 5 रिपोर्ट तैयार करके सरकार को दे दी थी, लेकिन 14 साल हो जाने के बाद भी आज तक किसी सरकार ने इसपर काम नही किया।
इस रिपोर्ट के कुछ महत्वपूर्ण बिन्दु निम्न प्रकार है-

1. भूमि सुधार – सरकार के पास जो खाली जमीन पड़ी है या ऐसे लोग जिनके पास आवश्यकता से अधिक भूमि है जो खाली पड़ी है उसको भूमिहीन किसानों में बांट देना चाहिए व आदिवासी क्षेत्रो में पशु चरने की अनुमति देनी चाहिए।

2.सिचाई सुधार- इस पर उन्होंने चिंता जतायी और ये सुझाव दिया कि सरकार को पानी जमा करने के नए तरीकों को विकसित करना चाहिए तथा ये सुनिश्चित करना चाहिये कि पानी की उत्तम व्यवस्था हो , जब पानी की अच्छी व्यवस्था होगी तब फसलो की उत्पादन में और वृद्धि होगी।

3. राज्य स्तर पर भी किसान आयोग की स्थापना करनी चाहिए, जिसमे किसानों के सामने आने वाली समस्याओं पर चर्चा हो व उनका समाधान किया जाए।

4.ऋण व बीमा- इस रिपोर्ट में ये कहा गया है कि किसानों को किसी भी समय दिए गए ऋण को उस समय चल रहे ब्याज दर से 4 फीसदी कम रेट पर ऋण मिलना चाहिए ,व किसान ने किसी बैंक से कर्ज लिया है तो अगर उसकी फसल अच्छी नही हुई तो उसे कर्ज भुगतान के लिए विवश न किया जाए उसे थोड़े समय की मोहलत दी जाए, व प्रत्येक राज्य में प्रकृति आपदा कोष बनाने की बात की।

5.किसानों को उनकी फसलों पर लागत को हटा कर 50% अधिक दाम उनको फसल के लिए मिलना चाहिए, इस रिपोर्ट की यह मुख्य बात स्वामीनाथन ने कही।

6.अनाज को उचित व्यवस्था के साथ संग्रहित करने की बात भी इस रिपोर्ट में शामिल है, इस पर उन्होंने कहा बहुत सारे अनाज उचित रखरखाव की व्यवस्था न होने पर सड़ जाते है जिससे कि किसानों को बहुत नुकसान होता है।

7. देश के हर शहर व हर कस्बे में SOIL TESTING LABORATORY की स्थापना करनी चाहिए, व किसानों को उनकी भूमि पर कौन सी फसल अच्छी प्रकार उगाई जा सकती है इस बारे में बताना चाहिए ताकि किसानों को अधिक लाभ प्राप्त हो सके।

 

सिफारिशों की कुछ और मुख्य बातें :

– फसल उत्पादन मूल्य से पचास प्रतिशत ज़्यादा दाम किसानों को मिले.

– किसानों को अच्छी क्वालिटी के बीज कम दामों में मुहैया कराए जाएं.

– गांवों में किसानों की मदद के लिए विलेज नॉलेज सेंटर या ज्ञान चौपाल बनाया जाए.

– महिला किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएं.

– किसानों के लिए कृषि जोखिम फंड बनाया जाए, ताकि प्राकृतिक आपदाओं के आने पर किसानों को मदद मिल सके.

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